रामलला के श्रृंगार की कीमत इतनी की सुनकर आप भी चौंक जाएंगे

रामलला के श्रृंगार की कीमत इतनी की सुनकर आप भी चौंक जाएंगे:

अयोध्या राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है कई सदियों के बाद रामलला अपनी जन्मभूमि में विराजमान हुए हैं 5 साल के विराजे रामलला की मूर्ति बहुत ही दिव्य व भव्य है रामलला को श्रृंगार करते समय जो उनको जेवर पहनाए गए उन्हें देखकर हर कोई हैरान है रामलला की मूर्ति अलौकिक दिख रही है। 5 साल के रामलला के गहने इतने महंगे कि एक छोटा देश खरीद लिया जाए!

अब हम आपको बताते हैं रामलला को जेवरों में क्या-क्या पहनाया गया और इन जेवरों की खासियत क्या है और बता दे की रामलला को जो मुकुट पहनाया गया है वह बहुत अद्भुत है मुकुट समेत रामलला को 14 जेवर पहनाए गए हैं यहां तक कि रामलला के खेलने के लिए खिलौने हाथी घोड़े इत्यादि सोने चांदी के बनाए गए हैं।

रामलला के मुकुट:

हर सहायमल ज्वेलर्स ने 12 दिन में रामलला के लिए 14 आभूषण तैयार किए जिसमें मुकुट 1 किलो 700 ग्राम सोने से तैयार किया गया है। रामलला के मुकुट में ही 75 कैरेट डायमंड, 175 कैरेट पन्ना, 262 कैरेट रूबी और माणिक्य लगाया गया है। मुकुट में सूर्यवंश के प्रतीक के तौर पर सूर्य का चिन्ह भी बनाया गया है। रामलला के मुकुट में दो हीरे लगाए गए हैं जो की सैकड़ो साल पुराने बताए जा रहे हैं।

भगवान का तिलक:

भगवान का तिलक भी 16 ग्राम सोने से तैयार किया गया है जिसके बीच 3 कैरेट हीरे और दोनों तरफ लगभग 10 हीरे लगाए गए हैं, तिलक के बीच खास माणिक्य का प्रयोग किया गया है। इसी के साथ रामलला को पन्ना की अंगूठी पहनाई गई है इस अंगूठी का वजन लगभग 65 ग्राम है। रामलला के दाहिने हाथ में 26 ग्राम सोने की माणिक्य की अंगूठी है वही आपको बता दे रामलला के गले में 500 ग्राम सोने का हार भी है भगवान राम के इस हार में करीब 150 कैरेट माणिक्य लगभग 380 कैरेट पन्ना लगाया गया है।

रामलला के गले में विजयमाला:

हार के बीच में सूर्यवंश का चिन्ह है रामलला के गले में सबसे बड़ा हार विजयमाला जिसका वजन लगभग 2 किलो है जिसे 22 कैरेट सोने से बनाया गया है वहीं रामलला की कमर को सजाने के लिए 750 ग्राम सोने का कमरबंद बना है इसमें 70 कैरेट हीरे तथा करीब 850 कैरेट माणिक्य पन्ना लगाया गया है। इसी के साथ रामलला के बाजुओं के लिए 22 कैरेट गोल्ड के 400 ग्राम के बाजूबंद बनाए गए हैं। अगर कंगन की बात की जाए तो यह 850 ग्राम सोने के बनाए गए हैं उनके हाथों में जो धनुष बाण है।

रामलला का धनुष:

उनके हाथों में जो धनुष बाण है वह भी 1 किलो सोने का बना हुआ है। सहाय ज्वेलर्स के मालिक अंकुर अग्रवाल के अनुसार, “मेरे लिए रामलला के गहने व आभूषण बनाना में बहुत ही सौभाग्य की बात है, श्री राम जी ने मुझे यह सुनहरा मौका दिया है अपनी सेवा में शामिल होने का। इस कार्य के लिए मुझे ट्रस्ट ने 1 जनवरी को संपर्क किया था

प्रधानमंत्रीजी ने मूर्ति 30 दिसंबर को फाइनल की थी

30 तारीख को मैं अयोध्या गया और प्रभु का माप लिया शेष भगवान के पूरे घने और आभूषण बनाने के लिए उनके पास केवल 10 से 12 दिन का समय ही था। उन्होंने कहा इसे बनाने के लिए मुझे रामायण और बाल्मीकि रामायण से और जो टेलीविजन पर रामायण सीरियल आता था जिससे हमारी कई पीढ़ियां प्रेरित हैं उसे देखकर हमने कई डिजाइन निकाले। साथी मुझे यह भी निर्देश दिया गया कि जो भगवान के आभूषण बनाने हैं वह साढ़े पांच वर्षीय बालक रामलला के बनाने हैं, राजाराम के नहीं।

सबसे पहले क्या बनाया गया ?

सबसे पहले भगवान का मुकुट बनाया गया। भगवान राम सूर्यवंशी हैं इसलिए उनके मुकुट में सबसे पहले बीच में सूर्य का चिन्ह बनाया गया इसमें सबसे अद्भुत बात यह है कि जब नवमी के दिन भगवान सूर्य की किरणें तिलक के निचले स्तर पर पड़ेगी और उसके बाद वे धीरे-धीरे करके ऊपर की तरफ बढ़ती जाएगी जहां पर मानिक्य लगाए गए हैं। फिर भगवान का हार तैयार किया गया तत्पश्चात रामलला जी का विजय हार तैयार किया गया जिसमें चक्र कमल और कमंडल बनाए गए हैं तथा जो तथा जो बीच वाला पेंडेंट है उसमें पांच शुभ फूल प्रयोग किए गए हैं जिसमें कुंद, पारिजात, कमल, तुलसी और चंपा हैं। यह सबसे शुभ पंच पुष्प माने जाते हैं,भगवान की डिविनिटी को दर्शाता है और उनके कमर धन में माणिक्य और पन्नों का इस्तेमाल किया गया है और फिर बाजूबंद तैयार किया गया।

भगवान के खिलौनो के तौर पर:

भगवान के खिलौनो के तौर पर हाथी, घोड़ा, ऊंट, लट्टू झुनझुना तैयार किए गए। यदि हम कुल हीरे जवारत और सोने की बात करें तो भगवान के आभूषण के लिए 15 किलो सोने का प्रयोग किया गया है, करीब 18500 नेचुरल डायमंड लगाए गए हैं इसके अलावा 3500 हजार के माणिक्य लगे हैं तथा 800 पन्ने लगे हैं। भगवान के आभूषण पहनाने में ढाई से 3 घंटे का समय लगा। इन सभी गहनों और आभूषणों को सर्टिफाई करने के लिए IGI ने मात्र तीन से चार घंटे का ही समय लिया जो कि देश की सबसे प्रतिष्ठित लैब है। इसके लिए उन्होंने एक अपने सॉफ्टवेयर में नए एडिशन भी चेंज किया और रामलला जी के सिग्नेचर रिपोर्ट तैयार की गई।

                                                                                       जय श्री राम

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