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क्या Paytm Payment बैंक बंद हो जाएगा..? RBI ने किया Paytm को बैन

क्या Paytm Payment बैंक बंद हो जाएगा..? RBI ने किया Paytm को बैन
  • PublishedFebruary 3, 2024

क्या Paytm Payment बैंक बंद हो जाएगा..? RBI ने किया Paytm को बैन:

क्या पेटीएम पेमेंट्स बैंक की नोटबंदी हो गई? ज्यादा कह दिया या ऐसा ही कुछ हुआ है पेटीएम की सहायक कंपनी की नोटबंदी हो गई नोटबंदी के समय ही पेटीएम का विस्तार हुआ और यह कंपनी चर्चा में आई मगर रिजर्व बैंक के आदेश के बाद उसे पर तरह-तरह की पाबंदी लग चुकी है।

29 फरवरी के बाद अगर बंद कर दिया जाएगा तो बचेगा क्या?

G नोडल अकाउंट से हर तरह की लेनदेन हुआ करती है उसे 29 फरवरी के बाद अगर बंद कर दिया जाएगा तो बचेगा क्या? पेटीएम बैंक के वॉलेट की संख्या 300 मिलियन बताई जाती है इसके खातेदारों की संख्या 3 करोड़ से अधिक है।अब लेनदेन का रिकॉर्ड एक झटके में सब बंद। बाजार के जानकार ने कहा है कि रिजर्व बैंक के आदेश देखने से लगता है पेटीएम पेमेंट्स बैंक का ऑपरेशन अब बंद आज मार्केट खुलते ही पेटीएम का शेयर 20% गिर गया इतने बड़े बैंक पर डंडा नहीं पहाड़ गिरा दिया गया है डिजिटल बैंकिंग पेमेंट गेटवे इस्तेमाल करने वाले देश के करोड़ों ग्राहकों को यह फैसला समझने में अभी वक्त लगेगा

रिजर्व बैंक के आदेश के अनुसार 29 फरवरी के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक नया ग्राहक नहीं बना सकेगा 29 फरवरी के बाद इसके ग्राहक अपने खाते में पैसा जमा नहीं कर सकेंगे फास्ट टैग में पैसा नहीं डाल सकेंगे अपने वॉलेट में टॉप अप नहीं कर पाएंगे लेकिन आपके खाते में अभी जो भी बैलेंस है उसका इस्तेमाल कर सकेंगे आपके खाते में ब्याज भी आएगा और आप भुगतान कर पाएंगे पेटीएम पेमेंट्स बैंक अन्य बैंकिंग सुविधा भी नहीं दे सकेगा जैसे आधार से लिक पेमेंट नहीं होगा यूपीआई सुविधाएं बंद।

भारत बिल पेमेंट ऑपरेटिंग यूनिट भी काम नहीं करेगी तो बचेगा क्या:

भारत बिल पेमेंट ऑपरेटिंग यूनिट भी काम नहीं करेगी तो बचेगा क्या बस उपभोक्ता अपना पैसा निकाल सकेंगे जो अभी बचा हुआ है इसलिए हमारा सवाल है कि क्या पेटीएम पेमेंट्स बैंक की नोटबंदी हो गई विजय शेखर शर्मा इसके अध्यक्ष है। प्रधानमंत्री मोदी के प्रति अपने प्रगाढ़ प्रेम के प्रदर्शन में प्रफुल्लित नजर आते रहते हैं। सरकार को विजय जैसों की जरूरत नहीं थी मगर विजय ने हमेशा ही समय-समय पर सरकार के लिए विजय पताका लहराया और ट्वीट किया सरकार की तारीफ की प्रधानमंत्री मिल रहे हैं, इससे विजय को क्या मगर विजय ने ट्वीट किया प्रधानमंत्री ब्रिटेन के प्रधानमंत्री से मिल रहे हैं मगर विजय शेखर शर्मा ने भी ट्वीट कर चरणबद्ध तरीके से काम किया। मंत्रियों के साथ अपने फोटो खिंचवाकर डालते रहे।

नोटबंदी के समय विजय शेखर शर्मा का ट्वीट डंके की तरह गूंज रहा था

नोटबंदी के समय विजय शेखर शर्मा का ट्वीट डंके की तरह गूंज रहा था बज रहा था सभी चैनलों पर चल रहा था पता नहीं पेटीएम से विज्ञापन खाने वाले वही चैनल आज शेखर शर्मा का साथ देंगे या नहीं उन्हें हीरो की तरह कंधे पर बिठाकर अपने स्टूडियो में लेंगे या नहीं नोटबंदी के बाद तो उत्साहित विजय ने पेटीएम के विज्ञापन में प्रधानमंत्री का फोटो ही डाल दिया वैसे तो रिलायंस जिओ ने भी पीएम के फोटो का इस्तेमाल किया जिसकी बहुत आलोचना हुई राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री का एक जवाब था कि दोनों कंपनियों ने माफी मांगी है मगर इसके लिए कोई कड़ी सजा नहीं दी गई। कुछ साल बाद विजय शेखर शर्मा ने एक इंटरव्यू में कहा कि प्रधानमंत्री की तस्वीर ऐसी इस्तेमाल कर ली माफी जैसी बात उन्होंने नहीं कही।

विजय शेखर शर्मा रिजर्व बैंक इस फैसले के बाद प्रधानमंत्री के प्रति अपने प्रगाढ़ प्रेम को गुलाब की तरह देख रहे होंगे या कांटों की तरह?

हाल ही में उन्होंने ट्वीट किया कि अयोध्या से डाबोस उनके इस संक्षिप्त ट्वीट में धर्म और अर्थ का संबंध कितना व्यापक नजर आया मगर धर्म अर्थ काम मोक्ष के साथ दंड भी आता है विजय शेखर शर्मा की एक कंपनी पर इतना कड़ा दंड लगा है। 2017 में नए साल पर कंपनी की पार्टी हो रही थी उस समय विजय शेखर शर्मा कंपनी के कर्मचारियों से कह रहे थे अंग्रेजी और हिंदी की गलियों का समान रूप से इस्तेमाल करते हुए उन्होंने कहा कि – – यानी गलियां जब इतिहास लिखा जाएगा ना हमारा इतिहास में नाम जरूर होगा जो लोग इतिहास के छात्र नहीं है उन्हें एक बात बता दो कि इतिहास के पास एक बहुत बड़ा कूडादान होता है।

आज भारत में पेटीएम से बड़ा कोई ब्रांड नहीं 2017 से 2024:

वहां हर कोई अमर नहीं होता, खुद विजय शर्मा ने इतिहास के कितनी किताबें पढ़ी होंगी जो लोग उनका इतिहास पढ़ने जाएंगे नए साल की पार्टी में विजय शर्मा जोश में थे कहने लग गए कि आज भारत में पेटीएम से बड़ा कोई ब्रांड नहीं 2017 से 2024 आ गया ब्रांड का बैंड बज गया पेटीएम की मातृ अथवा पितृ कंपनी 197 कम्युनिकेशंस लिमिटेड ने बयान जारी किया है अब अपना नया बैंक पार्टनर खोजने जा रही है इसका तो यही मतलब हुआ कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड की कहानी दी एंड हो गई एक ऐसा बैंक जिसके अध्यक्ष की हरकतों से लगता था कि वह सरकार का बेहद खास है उसे बैंक के खिलाफ रिजर्व बैंक का या आदेश आपको हैरान कर सकता है मगर मुझे हैरान नहीं करता है।

जब पूंजीवाद पर नियंत्रण चंद्र लोगों का हो जाता है और नियम अपनों के लिए तय होने लग जाते हैं तो उसके भीतर भी कुछ अपनों को मिटना होता है और कुछ अपनों को आगे बढ़ना होता है। टेलीकॉम सेक्टर में भी तो यही हुआ कितना विशाल सेक्टर था कितनी कंपनियां थी नौकरी मिलती थी तरक्की होती थी पैसे मिलते थे एक झटके में उस सेक्टर की कमर टूट गई एक बड़ी कंपनी छा गई और बाकी कंपनियां झोपड़ी में समा गई क्या ऐसा कुछ फाइनेंस टेक्निकल सेक्टर फिंटेक्स सेक्टर में भी होने जा रहा है। मार्केट में बड़ा सवाल या उठ रहा है कि पेटीएम की गर्दन मरोड़ी जा रही है या कलाई मरोड़ी जा रही है

क्या पेटीएम को किसी नए खिलाड़ी के लिए रास्ता देना होगा

कौन है वह नया खिलाड़ी जिसके लिए पेटीएम को रास्ता देना होगा अपनों की अदला बदली बाजार के खुले नियमों के आधार पर नहीं होती है बल्कि बंद कमरों की दूरगामी प्लानिंग के आधार पर होती है जनता का 90 फ़ीसदी हिस्सा इस गेम को समझने के लायक नहीं बचा है और समझने के बाद भी अब उसके पास कुछ करने की स्थिति नहीं है जो जानते हैं उन्होंने तय कर लिया है कि वह हर तरह के गलत के साथ खड़े रहेंगे तो हम सब उसे भारत के प्लेटफार्म पर खड़े हैं जिसके आने का इंतजार था। वह गाड़ी कब की जा चुकी है पेटीएम करो यूपीआई लेनदेन पर अभी कोई रोक नहीं लेकिन किसी एक बड़ी कंपनी पर रोक लग रही है यह सुनकर ग्राहक आशंकित तो होगा ही पेटीएम से डरो पेटीएम मत करो।

इसमें कोई शक नहीं पेटीएम में आम लोगों को यूपीआई के जरिए पेमेंट का तरीका सिखा दिया और यह बाजार में व्यापक रूप से उपलब्ध है। इसके पेमेंट सिस्टम की सरलता के कारण बड़ी संख्या में लोग आगे आए और इसे दूसरे पेमेंट गेटवे को भी फल में फूलने का बाजार मिला पेटीएम के उपभोक्ता बहुत आसानी से दूसरे गेटवे की तरफ शिफ्ट होने लग जाएंगे। खुद से या इस तरह के रिजर्व बैंक के आदेश तो केवल पेटीएम को लेकर है मगर सवाल उठता है कि भारत में डिजिटल पेमेंट को लेकर बार-बार दावा किया जा रहा था कि सुरक्षित है उसे क्षेत्र की एक बहुत बड़ी कंपनी का यह हाल है तब हम और आप बिल्कुल नहीं जानते कि इस तरह के पेमेंट सिस्टम में आपके पैसे का भविष्य सुरक्षित है या नहीं एक बार फिर से जोर देकर कहना चाहता हूं कि आप पेटीएम की नहीं अपने पैसों के भविष्य की चिंता कीजिए जब पैसा गायब होगा तब डीजे पर डांस करना एक दिन में निकल जाएगा तब इसका यह हाल है कंपनी नियमों की धज्जियां उड़ती रही है।

उपभोक्ताओं का कितना नुकसान हुआ है शेयर धारकों के कितने हजार करोड़ रुपये डूबे हैं

कोई नहीं जान सकता जानेंगे तब जब कोई पूछने वाला होगा जो पढ़े लिखे हैं वही पूछ सकते हैं मगर वह अपनी अपनी हाउसिंग सोसाइटी में धर्म का मोर्चा गेट पर खड़े होकर संभालने में लगे हैं उनके पास टाइम नहीं है और मेरे पास बहुत जानकारी नहीं है मार्च 2022 में भी रिजर्व बैंक में नया ग्राहक जोड़ने पर रोक लगा दिया और आदेश दिया कि बाहरी ऑडिटर से कंपनी की जांच करो। इसकी जो कंपनी है 197 कम्युनिकेशन, उसे कहा गया बाहरी ऑडिटर नियुक्त करें ताकि स्वतंत्र जांच हो कि उसके सिस्टम में लेनदेन को लेकर पारदर्शिता है या नहीं जब ऑडिट हुई तब पता चला कि कंपनी कई सारे नियमों का पिछले रिजर्व बैंक में क्षेत्र 35A के तहत आदेश जारी किया इसी क्षेत्र के तहत यस बैंक पर भी रोक लगाई गई।

येस बैंक का प्रमोटर बदलना पड़ा फिर पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक पर रोक लगाई गई जिसके बाद इस बैंक को एक नए बैंक के साथ जोड़ा गया हस्तांतरित कर दिया गया अब भी रिजर्व बैंक को लगता है कि कोई बैंक उपभोक्ताओं के हित के साथ धोखा कर रहा है प्रबंधन ठीक नहीं है। इस एक्ट का इस्तेमाल करता है इस तरह पेटीएम पेमेंट बैंक में एक बार नहीं बल्कि 2017 में रिजर्व बैंक की बनाई गाइडलाइन को पांच बार तोड़ा है पहले तो चेतावनियों से काम चलाया गया मगर असर नहीं हुआ तब पेटीएम के खिलाफ इतनी सख्त कार्रवाई की गई है। रिजर्व बैंक का आदेश एक तरह से सजाए मौत के समान बताया जा रहा है। रिजर्व बैंक के आदेश के बाद दुनिया में भारत की जो छवि बनेगी उसके बारे में बात करना बेकार है क्योंकि हम एक ऐसे दौर में खबर पेश कर रहे हैं जहां जनता तैयार ही नहीं होती कि इन सब चीजों से दुनिया में भारत की छवि खराब हो रही है।

Written By
Prem Ji

I'm a Finance professional, providing Financial consultancy about investments in Shares, Mutual Funds and other securities. I'm also a trainner providing classes for CA, CS, CMA & MBAs over 20+ years in Delhi.

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