कई गुना Profit देने वाला Share कैसे चुने ? Stock Selection Strategy For Beginners
स्टॉक मार्केट में शेयर का सेलेक्शन करना एक बड़ा ही पेंचीदा काम है | आज हम इस काम को इतना आसान करने वाले हैं कि एक 6 साल का बच्चा भी समझ जाए कि कौन सा स्टॉक खरीदना चाहिए अब वो बच्चा कैसे सेलेक्ट कर पाए सही स्टॉक जिसमे हम:
– 40 % CAGR (40% CAGR का मतलब हर 2-3 साल में आपका पैसा दोगुना वो हम आज सीखेंगे )
– Lowest Risk (लोवेस्ट रिस्क) (मतलब कम से कम जोखिम या जीरो लॉस की संभावना )
– Easy to Understand (मतलब जिसको समझना बहुत आसान हो )
– Step By Step (मतलब सबकुछ systematically बताएँगे )
आज का सेशन किसके लिए है ?
तो आज का सेशन अगर आप एक्सपर्ट हो तो आपके लिए भी हो सकता है वैसे अगर आप एक्सपर्ट हो तो आप जानते होंगे किन्तु अगर आप नए हो और आपने आज तक कोई शेयर या स्टॉक नहीं खरीदा है तो आपको मिलने वाला है “रामबाण” | मज़ा ही आ जाएगा आपको बोलोगे कि ये बात तो आज तक किसी ने भी नहीं बताई है |
एक नया आदमी शेयर कैसे खरीदता है ?
यहाँ नए आदमी से हमारा मतलब उस व्यक्ति से जिसने या तो कभी कोई शेयर नहीं खरीदा है और अगर वो 1-2 साल से ही ट्रेड करना शुरू किया है तो भी नया आदमी ही है | एक नया आदमी शेयर या तो किसी के ये बताने से कि xyz कंपनी का शेयर प्राइस एक हफ्ते से लगातार बढ़ रहा है लगा दो पैसा, मैंने भी लगाया है, मेरा पैसा तो इतना बढ़ गया है हम उसकी बात मानकर पैसा लगा देते है और हम जैसे ही पैसा लगाते है वैसे ही शेयर या स्टॉक का प्राइस गिरना स्टार्ट हो जाता है, फिर हम जब उस व्यक्ति से शिकायत करते हैं तो वो बोलता है कि उसको भी लॉस हो गया है उसने भी किसी के कहने से पैसे लगाए थे और ऐसे में ही ज्यादातर लोगों को लॉस होने लगता है और हम बोलने लगते हैं कि स्टॉक मार्केट तो जुवां है और ऐसे बोलने वाले लोगों का एक पूरा जमात बन जाता है |
एक बात समझ लो कि ऐसे शेयर पर पैसा कभी भी नहीं लगाना है जो लगातार अपनी रैली पर हो, रैली का मतलब जिसका प्राइस लगातार बढ़ता जा रहा हो बल्कि दांव हमेशा ऐसे स्टॉक पर लगाया जाता है जो अभी शांत हो, जो रैल्ली में नहीं हो, दौड़ते हुए घोड़े पर कभी दांव नहीं लगाया जाता है, जो घोडा अभी शांत हो उसपे लगाया जाता है, अब शांत घोडा दौड़ेगा या नहीं यही पहचानना ही तो कला है | यही पहचानना हम सीख लेते हैं आसान भाषा में |
लॉस (Loss) और फ्लोटिंग लॉस (Floating Loss) क्या होता है?
मित्रों सबसे पहले लॉस और फ्लोटिंग लॉस क्या होता है ये समझना बहुत जरूरी है | मान लो हमने कोई शेयर खरीदा 100 रुपये में और उसकी कीमत कम होकर 70 रुपये पर आ गयी है तो हम बोलते हैं कि हमको 30 रुपये का लॉस हो गया है, मित्रों ये लॉस नहीं है बल्कि ये फ्लोटिंग लॉस (Floating Loss) है, अभी आपको लॉस हुआ नहीं है क्योकि अभी तक आपने शेयर बेंचा ही नहीं है, केवल शेयर का प्राइस ही तो नीचे आया है किन्तु अगर आप ये शेयर 70 रुपये में बेंच देते हो और मार्केट से निकल जाते हो तो इसको बोला जाएगा कि आपने 30 रुपये का लॉस बुक कर लिया है, और अगर आप ये शेयर आज न बेंचकर बल्कि आज होल्ड कर लिया और मान लो कि अगले दिन इसी शेयर का प्राइस बढ़कर 200 रुपये हो जाता है तो ये प्लॉटिंग गेन (floating Gain) है तब तक कि आप ये शेयर बेंचते नहीं हो किन्तु अगर आप ये शेयर 200 रुपये में बेंच देते हो तो इसका मतलब है कि आपने 100 रुपये का प्रॉफिट बुक कर लिया है |
What is “Risk and Reward Ratio” (रिस्क एंड रिवॉर्ड रेश्यो)
इसका मतलब है कि रिस्क कितना लेंगे तो रिवॉर्ड कितना मिलेगा, इसको अच्छे से समझने के लिए स्टॉक मार्केट में कंपनियों को 3 categories में बाँट देते हैं:
1 – Large Capital Companies (बड़ी पूँजी वाली कंपनियां) – इसमें रिस्क कम और सेफ इन्वेस्टमेंट होता है |
2 – Mid Capital Companies (माध्यम पूँजी वाली कम्पनियाँ) – इसमें एवरेज रिस्क होता है
3 – Small Capital Companies (कम पूँजी वाली कंपनियां) – इनमें सबसे ज्यादा रिस्क होता है
शेयर मार्केट स्ट्रेटेजी क्या होनी चाहिए (What should be the Share market Strategy?)
1 – सेलेक्ट सेक्टर (Select Sector)
2 – पिक टॉप कंपनी (Pick Top Company)
3 – कंपनी कम से कम 20 साल पुरानी होनी चाहिए ( Company must be 20 years old)
4 – CAGR 20 % से ज्यादा होनी चाहिए
5 – कंपनी कि ग्रोथ लगातार होनी चाहिए
अब विस्तार में बात करते हैं शेयर मार्केट स्ट्रेटेजी के बारे में :
1 – सेलेक्ट सेक्टर (Select Sector):
इसके लिए हम google.com पर जाकर टाइप करेंगे “Tickertape.in” और सर्च करेंगे, सबसे पहले यही साइट आएगी इसको खोलने के बाद स्क्रीनर (Screener) के ऑप्शन पर क्लिक करेंगे इसके बाद लेफ्ट साइड में 20+ prebuilt Screens के ऑप्शन पर क्लिक कर देना हैं जिसमे तकरीबन 4770 कम्पनीज का डाटा दिखाई देगा | इसमें लेफ्ट साइड में जाकर सेक्टर चुने और फिर जिसका सबसे ज्यादा CAGR हो उसमे पैसा लगाना सही होगा |
आगे और ज्यादा सीखने के लिए अगली पोस्ट देखें…