आ गया CAA, देश में क्या बदलेगा, किसे नागरिकता मिलेगी, कहां लागू नहीं होगा
दोस्तों, देश के दोनों सदनों में पास हो जाने के बाद आज 4 साल बाद “नागरिकता संसोधन अधिनियम” यानी CAA पूरे देश में लागू हो गया हैं | 11 मार्च 2024 को केंद्र सरकार ने इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया | गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि आम चुनाव से पहले ये काम हो जाएगा | इसपर और इसके राजनैतिक असर पर आज बात करेंगे |
नमस्कार दोस्तों, मैं प्रेम शरण द्विवेदी, बहुत बहुत स्वागत करता हूँ, हमारे इस न्यूज़ ब्लॉग में, जिसमे हम आज विस्तार में चर्चा करने वाले हैं CAA कानून के बारे में :
दोस्तों CAA कानून के तहत:
1- सरकार पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आये गैर-मुश्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करेगी |
2- इसमें हिन्दू, बौद्ध, जैन, सिख, पारसी और ईसाई शामिल हैं |
3- इन तीन देशों में ये समुदाय अल्पसंख्यक हैं |
4- फायदा केवल उन्ही प्रवासियों को मिलेगा जो 31 दिसंबर, 2014 तक भारत में आ चुके हैं |
5- इस कानून के तहत जो लोग, जो अभी फ़िलहाल भारत में अवैध प्रवासी या शरणार्थी हैं, वे भारत में नागरिक बनने के पात्र हो जाएंगे |
ये CAA का मेन पहलू हैं हलांकि इसके कुछ और पक्ष भी हैं मसलन इस कानून के पास हो जाने के बाद इस बिल में शामिल 6 समुदायों पर अगर अवैध प्रवास को लेकर कोई कानूनी कार्यवाही चल रही हैं तो वो समाप्त हो जायेगी |
इसके पहले इन पर क्या कानूनी कार्यवाही चल सकती थी ?
विदेशी अधिनियम 1946 और पासपोर्ट अधिनियम 1920 के तहत इनको सजा हो सकती थी | ये कानून दिसंबर 2019 में संसद से पारित हुआ था और इस कानून को बाद में राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गयी थी | CAA कानून पास होने के बाद काफी विरोध भी हुआ था और आपको ध्यान भी होगा की कुछ जगह ये विरोध काफी हिंसक भी हो गए थे |
विरोध करने वालों का कहना था कि ये कानून, धर्मो के बीच भेदभाव करता है क्योंकि इसमें जिनको नागरिकता देने का प्रावधान हैं उसमें मुस्लिमों को शामिल नहीं किया गया हैं | बिल के समर्थकों ने कहा कि इसमें हिन्दुओं को भी शामिल नहीं किया गया हैं मसलन श्रीलंका के तमिल हिन्दुओं को | दोनों तरफ कि कई दलीलें थीं |
सुप्रीम कोर्ट में इस कानून को रद्द करने के लिए 65 याचिकाएं भी दायर की गयी हैं | संविधान विशेषज्ञ श्री सुभाष कश्यप इण्डिया टुडे मैगज़ीन से बात करते हुए ये कहते हैं की कानून की बात करने वाले दोनों पक्ष और विपक्ष की बातों में तर्क हैं |
CAA पर संविधान विशेषज्ञों की राय:
“सभी मौलिक अधिकार तर्कसंगत वर्गीकरण के अधीन हैं, CAA का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा की अदालत इस कानून के तहत वर्गीकरण को तर्कसंगत मानती हैं या नहीं |”
वही सरकार अविविभजित भारत की यादों और नैतिक दायित्वों की ओट लेती हैं मसलन पश्चिम पाकिस्तान से 80000 से ज्यादा और अधिकांश हिन्दू शरणार्थी आज़ादी के बाद से बिना नागरिकता के कश्मीर में रह रहे हैं | CAA उन्हें वैधता देगा |
CAA के संसद से पास होने के बाद देश के कई हिस्सों में इसके विरोध में प्रदर्शन हुए थे | दिल्ली के शाहीनबाग में स्थानीय लोगों ने खासतौर पर महिलाओं ने 2 महीनो से भी अधिक समय तक प्रदर्शन किया था बाद में 2020 में COVID-19 की वजह से प्रदर्शन को समाप्त करना पड़ा था |
दिल्ली- CAA नोटिफिकेशन से जुड़ी बड़ी बातें, 6 अल्पसंख्यक कम्युनिटी को नागरिकता मिलेगी
➡31 दिसंबर 2014 से पहले आए शरणार्थियों को नागरिकता
➡3 देशों से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को लाभ होगा
➡अफगानिस्तान,पाकिस्तान,बांग्लादेश के शरणार्थियों को लाभ
➡हिन्दू,सिख,ईसाई,पारसी,जैन,बौद्ध शरणार्थियों को नागरिकता
➡पुनर्वास और नागरिकता की कानूनी बाधाएं दूर होंगी.
*दिल्ली*
*CAA का नोटिफिकेशन जारी हुआ,*
➡ CAA को लेकर इस वक्त की बड़ी खबर
➡ केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना
➡ CAA की अधिसूचना जारी हुई
➡ गृह मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी किया
➡ गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिल सकेगी
➡अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को लाभ होगा
➡ देशभर में सीएए को लागू किया गया
➡ हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध को नागरिकता मिलेगी
➡ पाकिस्तान, बांग्लादेश के शरणार्थियों को लाभ होगा.
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