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क्या क्रिप्टोकरेंसी भारत में बैन होगी? सरकार का रुख, RBI की योजना और भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य

क्या क्रिप्टोकरेंसी भारत में बैन होगी? सरकार का रुख, RBI की योजना और भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य
  • PublishedOctober 12, 2025

क्या क्रिप्टोकरेंसी भारत में बैन होगी?

सरकार का रुख, RBI की योजना और भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य

🔹 परिचय

डिजिटल युग में धन का रूप तेजी से बदल रहा है। एक तरफ जहाँ पारंपरिक रुपये और बैंकिंग प्रणाली अब भी हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, वहीं दूसरी ओर क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) जैसी डिजिटल संपत्तियों ने निवेश और लेनदेन की दुनिया में हलचल मचा दी है।
भारत में लाखों निवेशक बिटकॉइन, एथरियम, डॉजकॉइन जैसी करेंसी में पैसा लगा चुके हैं। लेकिन एक सवाल हमेशा बना रहता है —
👉 “क्या क्रिप्टोकरेंसी भारत में बैन होने वाली है?”

आइए समझते हैं सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) का इस पर असली रुख और आगे का रास्ता।


🔸 1. क्रिप्टोकरेंसी क्या है और क्यों चर्चा में है?

क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी डिजिटल करेंसी है जो किसी सरकार या केंद्रीय बैंक के नियंत्रण में नहीं होती।
यह “ब्लॉकचेन” नामक तकनीक पर चलती है — जो हर लेनदेन को पारदर्शी और अपरिवर्तनीय (immutable) बनाती है।

भारत में इसकी लोकप्रियता के मुख्य कारण हैं:

  • तेज़ और वैश्विक लेनदेन की सुविधा

  • निवेश पर ऊँचा रिटर्न (Volatility के कारण)

  • पारंपरिक बैंकिंग की तुलना में अधिक स्वतंत्रता

लेकिन यही स्वतंत्रता सरकारों के लिए चिंता का विषय बनती है।


🔸 2. भारत में क्रिप्टो का कानूनी इतिहास

वर्ष प्रमुख घटना
2013-2017 बिटकॉइन के बढ़ते उपयोग पर RBI की पहली चेतावनी।
2018 RBI ने बैंकों को निर्देश दिया कि वे क्रिप्टो एक्सचेंजों से लेनदेन न करें।
2020 सुप्रीम कोर्ट ने RBI के इस प्रतिबंध को असंवैधानिक बताते हुए रद्द किया।
2021 “Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill” का मसौदा तैयार किया गया, जिसमें निजी क्रिप्टो पर प्रतिबंध की बात थी।
2022 क्रिप्टो पर 30% टैक्स और 1% TDS लगाया गया — संकेत मिला कि सरकार इसे पूरी तरह बैन नहीं, बल्कि नियंत्रित करना चाहती है।
2023-2025 भारत ने G20 बैठकों में वैश्विक क्रिप्टो नियमन का प्रस्ताव रखा और अब RBI “डिजिटल रूपया (CBDC)” को आगे बढ़ा रहा है।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी बैन होगी या नहीं
भारत में क्रिप्टोकरेंसी बैन होगी या नहीं

🔸 3. सरकार का वर्तमान रुख: “ना हाँ, ना ना”

केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल और वित्त मंत्रालय के बयानों के अनुसार:

  • भारत सरकार ऐसी क्रिप्टोकरेंसी को प्रोत्साहित नहीं करती जो किसी संपत्ति या सरकार द्वारा समर्थित न हों।

  • लेकिन कोई सीधा बैन भी लागू नहीं है — यानी नागरिक क्रिप्टो में निवेश कर सकते हैं, लेकिन अपने जोखिम पर

  • सरकार क्रिप्टो लेनदेन को टैक्स और निगरानी के दायरे में रखकर नियंत्रित करना चाहती है।

इससे स्पष्ट है कि सरकार का उद्देश्य क्रिप्टो को खत्म करना नहीं, बल्कि जोखिम को सीमित करना है।


🔸 4. RBI की रणनीति: “निजी क्रिप्टो नहीं, डिजिटल रूपया हाँ”

भारतीय रिज़र्व बैंक लंबे समय से निजी क्रिप्टोकरेंसी का विरोध करता रहा है।
उसका कहना है कि:

  • क्रिप्टोकरेंसी वित्तीय स्थिरता के लिए खतरा हैं।

  • इनका उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी और आतंकी वित्तपोषण में हो सकता है।

इसीलिए RBI ने CBDC (Central Bank Digital Currency) — यानी डिजिटल रूपया (e₹) — की शुरुआत की है।

2025 में RBI अब एक और कदम बढ़ाने जा रहा है —

“Deposit Tokenisation Pilot”, जिसके तहत बैंक जमा को डिजिटल टोकन में बदला जाएगा ताकि सुरक्षित और ट्रेसेबल डिजिटल लेनदेन हो सकें।

इससे यह संकेत मिलता है कि भारत डिजिटल अर्थव्यवस्था का समर्थन तो करेगा, पर वह सरकारी नियंत्रण वाली मुद्रा को ही प्राथमिकता देगा।


What is Cryptocurrency and its benefits
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🔸 5. क्यों सरकार बैन नहीं कर सकती (भले चाह ले)?

भले ही कई बार बैन की चर्चा उठी हो, लेकिन पूर्ण प्रतिबंध व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। कारण:

  1. ब्लॉकचेन विकेंद्रीकृत है – कोई भी इसे पूरी तरह नियंत्रित नहीं कर सकता।

  2. वैश्विक प्रभाव – भारत में बैन करने से लोग विदेशी एक्सचेंजों पर क्रिप्टो खरीदना जारी रखेंगे।

  3. टैक्स से आमदनी – सरकार को 30% टैक्स और 1% TDS से करोड़ों रुपये का राजस्व मिल रहा है।

  4. स्टार्टअप इकोसिस्टम – ब्लॉकचेन आधारित फिनटेक स्टार्टअप्स भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं।

  5. टेक्नोलॉजी अपनाने की ज़रूरत – भारत “Web3.0” और “AI-integrated finance” में पिछड़ना नहीं चाहता।


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🔸 6. बैन के पक्ष में तर्क

  • नियामक असमंजस: अभी तक कोई स्पष्ट कानून नहीं है, जिससे धोखाधड़ी की घटनाएँ बढ़ रही हैं।

  • जनजागरूकता की कमी: कई निवेशक बिना समझे पैसे लगाते हैं और नुकसान उठाते हैं।

  • अस्थिरता: बिटकॉइन जैसी करेंसी में तेज़ उतार-चढ़ाव आम है — इससे निवेशक जोखिम में रहते हैं।

  • काला धन और अपराध: सरकार की सबसे बड़ी चिंता यह है कि क्रिप्टो का उपयोग गैरकानूनी लेनदेन में न हो।


🔸 7. अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य

देश नीति स्थिति
अमेरिका नियमन जारी, SEC सक्रिय ट्रेडिंग अनुमति लेकिन सख्त नियम
चीन पूर्ण बैन क्रिप्टो अवैध, लेकिन CBDC (e-CNY) को बढ़ावा
जापान लाइसेंस आधारित अनुमति कानूनी रूप से नियंत्रित
भारत आंशिक अनुमति, भारी टैक्स “Regulate, not Ban” की नीति

स्पष्ट है कि भारत का रुख चीन की तरह बैन वाला नहीं, बल्कि जापान और अमेरिका जैसा नियामित बनता जा रहा है।


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🔸 8. भविष्य की संभावनाएँ

  1. लाइसेंस आधारित मॉडल: केवल पंजीकृत और मान्यता प्राप्त एक्सचेंजों को भारत में कार्य करने की अनुमति मिले।

  2. क्रिप्टो टैक्स में बदलाव: भविष्य में 30% टैक्स को घटाकर निवेश को प्रोत्साहित किया जा सकता है।

  3. CBDC विस्तार: डिजिटल रूपये को देश के हर नागरिक तक पहुँचाना लक्ष्य होगा।

  4. नियामक ढाँचा (Regulatory Framework): एक अलग “Crypto Regulation Act” या “Digital Asset Bill” आ सकता है।

  5. अंतरराष्ट्रीय सहयोग: भारत G20 देशों के साथ मिलकर एक समान वैश्विक नीति पर काम कर रहा है।


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🔸 9. निवेशकों के लिए सुझाव

  • निवेश करने से पहले हर प्लेटफॉर्म की KYC और सुरक्षा नीति पढ़ें।

  • एक्सचेंज रजिस्ट्रेशन (FIU या RBI) की स्थिति जाँचें।

  • लालच में न आएँ — केवल उतना निवेश करें जितना खोने की क्षमता हो।

  • कानूनी टैक्स नियमों का पालन करें ताकि भविष्य में परेशानी न हो।


🔹 निष्कर्ष

भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य बैन नहीं, बल्कि संतुलित नियंत्रण की दिशा में जा रहा है।
सरकार और RBI दोनों डिजिटल मुद्रा के सुरक्षित और पारदर्शी उपयोग को बढ़ावा देना चाहते हैं, न कि उसे मिटाना।

आने वाले कुछ वर्षों में भारत एक ऐसा मॉडल बना सकता है जिसमें —

“नवाचार और नियमन दोनों साथ-साथ चलें।”

इसलिए कहा जा सकता है —
💡 क्रिप्टोकरेंसी भारत में बैन नहीं होगी, बल्कि नियंत्रित होकर नए डिजिटल भविष्य की राह बनाएगी।


📰 स्रोत:

Written By
Prem Ji

I'm a Finance professional, providing Financial consultancy about investments in Shares, Mutual Funds and other securities. I'm also a trainner providing classes for CA, CS, CMA & MBAs over 20+ years in Delhi.

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